खेतों और खलिहानों मेंमंदिर और मकानों मेंसड़कों और दुकानों मेंविक्षिप्त तन के छालेमहंगे पड़ते हैं निवाले।। फटे देह, फटे वस्त्रधारण किए निर्माण अस्त्रजेठ दुपहरी कुम्हलाएकुआं खोदे दिवस प्रतिकंठ अतृप्त मुरझाए।। ऊँची मीनारों की नक्काशीक्या मथुरा क्या काशीयुद्ध…
अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता दिवस पर विशेष 3 मई को अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता दिवस मनाया जाएगा और इस संदर्भ में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता के लिए अनेक प्रयास किए जाएंगे ।संयुक्त राष्ट्र…
श्रमेव जयते के निहितार्थदेश की आजादी की 75 वर्षों की यात्रा विभिन्न मोर्चों पर विकास ,समृद्धि और खुशहाली की यात्रा है यद्यपि आपसी संघर्ष और टकराव भी इस यात्रा के सहगामी है। आजादी की अमृतवेला में इस…
किरण नेगी के निर्मम बलात्कार और हत्या के संदर्भ में श्रद्धांजलि स्वरुप श्रीमती बीना नयाल जी की रचना। अब तो विदा कर दो मुझे गुज़र गया है एक दशकज़ख को ना मिला मरहमचौपाल से लेकर संसद तकनिर्वस्त्र…
जिनके ऊपर खड़ा शिखर,जो पत्थर हैं बुनियाद के,उड़ने से जिन्हें रोक न पाये, जालिम पंजे सैय्याद के।कतरा कतरा खून से लिखे हिंद का वो भूगोल,वो देश के सच्चे पूत,आज कलम उनकी जै बोल।प्रशस्त किया था मार्ग जिन्होंने,…
समकालीन परिदृश्यों में जन्म लेता साहित्य जब वेदना से संवेदना तक की यात्रा तय कर कल्पना के कोर में हिलोर भरते हुए यथार्थ के धरातल पर अपने पाँव रखता है तब उसके शब्द मानव मन के आँगन…
हर शाम सूरज का ढ़लना जरूरी है..अभिवादन के लिए हाथों का मिलना जरूरी है..मेरे मन, मुसीबत में भी हिम्मत मत हारना तू..पतझड़ का बसंत में बदलना जरूरी है.. भगवान को पाया जा सकता है तपस्या से..जेवर बनाने…
बुझी हुई सी आँखों मेंनैराश्य भाव की बातों मेंकांतिहीन कपोलों परडर से ठिठके बोलों परबल खाती पेशानी परइस निस्तेज जवानी परसंशययुक्त भृकुटियों परमुट्ठी भींचे जीवों परभूखे नंगे शिशुओं परबेबस मां की चीखों परहाड़ बची इन देहों परइन…
माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देशभर में वसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसी के साथ देश मे ऋतुराज वसंत का आगमन हो गया है। यद्यपि सभी ऋतुओं का अपना-अपना महत्त्व…
बतियाते चंचल नयनउत्साहित करते अधरआमंत्रण सा मुझको देतेलिक्खूँ तुझ पर गीत प्रिये।। लहराते केशों की छायाउपजाती हिरदय में मायापूर्ण चंद्र सी छवि ये कहतीलिक्खूँ तुझ पर गीत प्रिये।। नव वसंत से वसन तुम्हारेआभूषण ज्यूँ नभ में तारेमुझसे…