अंतिम आदेश

सुनो पुत्री!ऐसा भी क्षण आएगारुद्ध कंठ हो जाएगाअस्फुट स्वर इन अधरों काव्यक्त न कुछ कर पाएगा।।अस्थिर मनोदशा होगीअवर्णनीय व्यथा होगीकहूं भाव अंतिम क्षण केइतनी शक्ति कहां होगी?है अंतिम आदेश यहीजब देखो पलकें भीगीस्वर का साज सजा देनाराम…

अपने किरदार को खरा रखना

अपने किरदार को खरा रखनादिल को जज़्बात से भरा रखना।। धूप कहती गई है जाते हुएराह के पेड़ को हरा रखना।। तेरे हिस्से में भी महक होगीखिड़कियों को ज़रा खुला रखना।। बाँह फैला के जो मिले कोईतो…

जोशीमठ: एक मानवरचित व्यथा

नव वर्ष 2023 उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र के निवासियों के लिए भय, भविष्य के प्रति गहन चिंता, निराशा और अवसाद लेकर आया है। जोशीमठ में मुख्य सड़क मार्ग सहित लोगों के घरों की दीवारें में पड़ी दरारें,…

गुरुत्वाकर्षण बल और जीवन

विज्ञान और अध्यात्म अंतर्संबंधित हैं। अध्यात्म की गहन जानकारी ना होने के बावजूद सतही तौर पर मैंने इतना अनुभव किया है कि अध्यात्म में जो भी तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं वे वैज्ञानिक दृष्टि से भी तर्क…

तंज के कुछ और नश्तर

तंज के कुछ और नश्तर अपने सीने पर लियेचल दिये महफ़िल से तेरी, सब्र का मरहम किये।। तेरी चाहत इक तरफ, फिर तेरी रुसवाई का डरबेवफ़ा का नाम ले हम अपने होंठों को सिये।। कौन जाने ये…

इस हँसते चेहरे की आभा

इस हँसते चेहरे की आभाकितने दुःख हर लेती हैथके, हताश, बेकल मन को यहप्रेम का संबल देती है ।। प्रकृति का हर रंग मनोहर,न्यौछावर तुम पर कर दूं , निश्छल ये मुस्कान तुम्हारी,बरबस मन हर लेती है।।…

ख़त्म यूं मर्ज़ हुआ रोज़ मुलाकातों से।

ख़त्म यूं मर्ज़ हुआ, रोज़ मुलाकातों से,बात का ज़ख्म था जो, भर गया वो बातों से।। ताज जिसने भी बनाया है इस ज़माने में,एक दिन घर को गया है वो कटे हाथों से। दिल दुखाया था किसी…

अल्हड़ पहाड़न की अनोखी सादगी हो तुम

अल्हड़ पहाड़न की अनोखी सादगी हो तुम,सदाबहार के फूलों की कोई लड़ी हो तुम।। छुईमुई सी सिमटी ना, तितली सी तुम उन्मुक्त हो,स्थिर दीपशिखा के जैसी तेजोमयी हो तुम।। उदार हिरदय हो मगर, फिर भी धनी हो…

जाने कितने दिलों की हसरत है

जाने कितने दिलों की हसरत है,है तेरा हुस्न, या कयामत है?? सब्र ना चैन, उलझनें दिल में,ये तेरा इश्क़ एक आफत है।। दिल कहे होंठ चूम लूं तेरे,होश कहता है कि ये वहशत है।। मेरे शानों पे…

ये इरादे से हर इक बार पलट जाता है

ये इरादे से हर इक बार पलट जाता है,दिल हर इक बार किसी ख़ास पे आ जाता है।। जब कभी अहद किया, इश्क़ ना फरमाएंगे,नाज़ ओ अंदाज़ किसी और का भा जाता है।। ज़ुल्फ के पेंच पे,…

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