*********** माँ के आँचल की बदरी ,गर्व पिता के दिल की। खुशबू बन के महके, जलती लौ कंदिल की। बलखाती नदियाँ सी वो, उर्वर भूमि को करती। वह तो प्रीत की गगरी, खुशियों से घर भरती। ।…
दो-तीन दिन से लगातार बारिश हो रही थी। बरसात के मौसम में बारिश होना आम बात है। परन्तु इस बारिश में भयावहता का आभास हो रहा था। प्रिया ने ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी थी। वह…