कितना साथ निभाओगे तुम ?कैसा साथ निभाओगे ?क्या तुम यह बतलाओगे प्रिय ?कैसा साथ निभाओगे ? होंगी नित मनुहार की बातेंप्रेम की और शृंगार की बातेंरुष्ट यदि मैं हुई कभी तोकटुक वचन सह पाओगे ?प्रिय कैसा साथ…
///////■\\\\\\\धरा क्या है पहाड़ में ?ऐसा कहने लगे हैं लोगभुला ! क्या नहीं है पहाड़ मेंसुन्दर हरियाली ठंडा पानीहिसाऊ काफल सेव की दाणीबांज बुरांस आड़ू खुबानीबेड़ू तिमिले और नारंगी थोड़ा सा बनना पड़ता है पहाड़ी ।नदियाँ झरने देवों…
देखो कितना प्यारा लगता है चाँद गगन मेंजैसे मुखड़ा प्रियतम काउतरा हो दर्पण में । देखो…माँग सितारों ने भरीझिलमिल-झिलमिल करती हैदुविधा मन की को जानेइन भीगी पलकों में । देखो…इस चंदा की रीत अनोखीघटता है फिर बढ़ता हैमैं…
*********** माँ के आँचल की बदरी ,गर्व पिता के दिल की। खुशबू बन के महके, जलती लौ कंदिल की। बलखाती नदियाँ सी वो, उर्वर भूमि को करती। वह तो प्रीत की गगरी, खुशियों से घर भरती। ।…
बहार आई थी चार दिन के लियेऔर आकर चली भी गयीदेखता ही रह गया मैंहाय! उजड़े दयार को।मन तो बहुत था रोकूँ उसेपर जाना था वो चली ही गयीबातें भी दिल की हो न सकींअब सुनाता हूँ…
“लाख की चूड़ियां” कक्षा-8विषय-हिन्दी(कहानी का कविता रूपान्तरण) वो बैठता बूढ़े नीम तले,हवा चलती हौले -हौले.गुड़-गुड़ हूक्का उसकाबोले,लकड़ी की चौखटडग-मग डोले.बगल में भट्टीदहकाया करता,रोज लाखपिघलाया करता.सभी उसे काका,कहके बुलाते,रंग-बिरंगीचूड़ी बनवाते,गांव-गांव और,शहर-शहर में,चूड़ियाँ बिकती,हर अवसर में.सूहाग की चूड़ीखूब सुहाती,नव-वधु…
स्कूल में आठवीं का रिजल्ट सुना रहे हेडमास्साब ने चन्दा और राहुल को कक्षा आठ की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास होने पर बधाई दी तो दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, मास्साब के पाँव…
है तकाज़ा इश्क़ का अब दोस्त बनके ही रहोकह रही है दिलरुबा अब दोस्त बनके ही रहो।। जो कि मेरे नाम से मशहूर थी होने लगीवो कहीं कर आई वादा, दोस्त बनके ही रहो।। दिल कहे कि…
लब पे तेरा नाम आया, यूँ ख़ुदा के साथ मेंबंदगी औ इश्क़ दोनों, हो गए इक साँस में।। तोड़ दुनियाँ की रवायत, छोड़ इसकी उलझनेंमाँगने कुछ हूँ मैं आया, आज तेरे पास में।। इश्क़ का अब है…
भाव मेरे कब समझोगी, कब मन के भीतर उतरोगी? सुनो प्रिये शब्दों से परे कब नयन की भाषा बरतोगी? नयन से तन-मन बेधोगी, कब अधर से आमंत्रण दोगी कहो कि कब इस हिरदय की आतुर याचना को…