बेकसूर

उल्फत का यही दस्तूर होता है..जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है.. भले ही छोड़कर हमें चले जाए वो..यादों में समाया उनका नूर होता है.. साथ मिलकर जो सपने सजोए थे..हर वो ख्वाब चूर चूर होता है..…

जिया नहीं जीवन खपाया है।

जिया नहीं, जीवन खपाया हैमैंने रिश्तों को निभाया है।। खर्च घर के, हिसाब दफ़्तर कारोज़ ये ही किया-कमाया है।। ज़िंदगी काश तू मिली होतीपूछता क्या तेरा किराया है?? तीज त्यौहार कर्जदार लगेंबेरहम ने सदा सताया है।। था…

दर्शन

लिख नहीं पाते वाल्मीकि रामायण को..अगर क्रौंच पक्षी का क्रंदन नहीं होता.. देवताओं के पास अमृत आता कहां से..अगर अथाह समुद्र का मंथन नहीं होता.. सौभाग्य भी लौट जाता है उस जगह से..जिस घर में भगवान का…

वैश्विक सांझे भविष्य की परिकल्पना- जी 20 का लोगो और आधार वाक्य। बीना नयाल

इस समय राजधानी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय संगठन जी- 20 की मेजबानी के लिए काफी उत्सुक और तैयार है। हो भी क्यों ना भारत को पहली बार अंतरराष्ट्रीय संगठन G- 20 का नेतृत्व और मेजबानी का अवसर जो मिला…

आह्वान

छोड़िए इंडिया बनाम भारत का अलापराष्ट्रीय हित में प्रज्वलित करे नूतन मशाल कोढ़ सी महंगाई पर बेरोजगारी रूपी खाजहताश ह्रदय कैसे करें शताब्दी वर्ष का आगाज नित संसाधनों का दोहन और अमृत की बंदरबाटघुट घुट विष व्याकुल…

हमारे वतन के जवान

फायदा नहीं अदाकारी से उसकी..कौए के बच्चे कभी बाज नहीं होते.. खोजा नहीं होता अगर कुंआ तेल कासवार वाहन में हम आज नहीं होते.. बजा लो कितना बरतनों को तुम..संगीत नहीं जिनमें वो साज नहीं होते.. टूटने…

ख्वाहिशें अपनी बेच आता हूं

ख्वाहिशें अपनी बेच आता हूंयूं ज़रूरत से मैं निभाता हूं।। थके कदमों से लौटता घर कोदेख बच्चों को मुस्कुराता हूं।। दिल से मजबूर जब दिमाग़ हुआदर्द सहकर भी सुकून पाता हूं।। भूख अक्सर ही जीत जाती हैमैं…

चेलि

धन्य छ उ मतारि जैले चेलिस जन्म दीछ।चेलि ले घरछ सम्पन्न करनाकि जिम्मेदारी ल्हीछ।। अगर नी हुनि चेलित को जन्म दिनो चेलान?को बचूंनो अपनो पेट काटि उनरि ज्यान? कैथैं कूंना हम पुज्यू, कैंजा जेड़जा और काखी?कैक दगाड़…

दरिया और समंदर

बुरा दूसरों का चाहने वालों का इरादा पूरा नहीं होता..ख्वाब मेहनत करने वालों का कभी अधूरा नहीं होता..आलोचना आपके मुंह के सामने जो आपकी करता है..सच बताऊँ दिल से वह आदमी कभी बुरा नहीं होता.. वह जो…

रामराज्य

नेत्र खुलेंगे भोले के हर मुजरिम चिल्लाएगा..दुर्जनों का लहू बहेगा अधर्मी कांप कांप थर्राएगा.. अशुभता जब बढ़ जाएगी चरम पर होगा अत्याचार..हरने तब अंधकार को धरा पर दल देवों का आएगा.. गुरु वही ज्ञानी होगा वेदों को…

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