औरत

औरत पहाड़ की मेहनत की मिसाल है..मुसीबत के वक्त परिवार की वह ढाल है..स्वरूप नव दुर्गा का है वह मगर आज..मार पलायन की झेलता उस का लाल है.. कुपित होती नहीं अपने बच्चों के प्रश्न से..जवाब उसके…

जागो भारत जागो

अश्लीलता टीवी में दिखाई जा रही है..नारी बिकने की वस्तु बताई जा रही है.. धारावाहिकों में रोमांस के दृश्य डालकर..छोटे बच्चों को कामुकता सिखाई जा रही है.. नहीं कर रहा विरोध कोई भी इसका भारत में..मानसिकता बच्चों…

मिले तो क्या मिले?

सुबहें मां की गोददुपहरी धूप तापीइन शामों में मिलेतो क्या मिले? चली डगरपानी पर बैठी लहरकिनारों में सागर मिलेतो क्या मिले? शिकायत नहींप्रीत से तेरीढलती मिलेतो क्या मिले? मै छांव की चाह मेंशहर _शहरअब गांव भी मिलेतो…

अंजाम बुराई का

लूटपाट अपहरण और बलात्कार करते हैं जो..होती नहीं संवेदना उन में दुराचार करते हैं जो.. जरूरी है देना सजा उन को उनके गुनाहों की..युवतियों से राह चलते छेड़छाड़ करते हैं जो.. नर पिशाच हो तुम करते हो…

निर्विकार

सच्चे प्यार की हमेशा जीत होती है..नफरत से बढ़कर हमेशा प्रीत होती है.. कुछ नहीं मिलता किसी को दुश्मनी से..रंजिश से बढ़कर हमेशा मीत होती है.. कारवें से अलग चलना मुनासिब नहीं..करना वही है जो जग में…

रिवाज

हावी जमीं पर अब अत्याचार हो गया है..शुरू आड़ में पश्चिम की दुराचार हो गया है..हो गया संसार कलंकित अब रिश्तों और नातों का..विवाह अब बंधन नहीं एक व्यापार हो गया है.. मांगा जाता है दहेज अब…

एक जीवन यह भी

खेतों और खलिहानों मेंमंदिर और मकानों मेंसड़कों और दुकानों मेंविक्षिप्त तन के छालेमहंगे पड़ते हैं निवाले।। फटे देह, फटे वस्त्रधारण किए निर्माण अस्त्रजेठ दुपहरी कुम्हलाएकुआं खोदे दिवस प्रतिकंठ अतृप्त मुरझाए।। ऊँची मीनारों की नक्काशीक्या मथुरा क्या काशीयुद्ध…

दस्तूर

जब उठाता है लुत्फ माफिया सियासत का ..जनाजा जम्हूरियत का निकल जाता है.. लूट खसोट कर दौलत अवाम की..सफेदपोश वतन से फरार हो जाता है.. देकर रिश्वत चन्द पैसों की कानून को..घोटालेबाज सलाखों से बाहर आ जाता…

परिवर्तन

सरकारी हर योजना में भ्रष्टाचार की छाया है..जाल रिश्वतखोरी का बेईमानों ने फैलाया है.. सड़क बनी हो नहर बनी हो चाहे बना हो अस्पताल..ठेकेदारों ने हर निर्माण में घटिया माल लगाया है.. मालामाल हुए दलाल अधिकारी और…

Whatsapp Me